लॉकडाउन के दौरान भी दक्षिण दिल्ली स्थित हजरत निजामुद्दीन के पास तब्लीगी मरकज जमात में हजारों लोगों की भीड़ जुटाने का आरोपित मौलाना साद दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को चकमा दे रहा है। उसकी गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस की टीम मौलान साद के गृह जिला शामली के साथ ससुराल सहारनपुर में भी डेरा डाले हुए हैं, लेकिन वह गिरफ्त में नहीं आ रहा है।
फोन नहीं रखता मौलाना साद
दक्षिण दिल्ली स्थित निजामुद्दीन तब्लीगी मरकज जमात का मुखिया मौलाना मुहम्मद साद (Muhammad Saad Kandhalvi) मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करता है, जिससे क्राइम ब्रांच को उस तक पहुंचने में मुश्किल पेश आ रही है। पुलिस का मानना है कि वह अपना हुलिया बदलकर शामली और सहारनपुर पहुंच सकता है, ऐसे में टीमें यहां पर सक्रिय हैं, लेकिन मोबाइल फोन नहीं रखने से उसे ढूंढ़ना थोड़ा मुश्किल हो रहा है।
पुलिस को मिले साद के करीबियों के फोन नंबर
इस बीच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने तथाकथित रूप से किसी के घर में क्वारंटाइन मौलाना साद के चार करीबियों के मोबाइल फोन नंबरों का पता चला है, जिसके आधार पर पुलिस अब साद का पता लगाने में जुट गई है। बताया जाता है कि जमात और मौलाना खुफिया तरीके से काम करते हैं, ऐसा इसलिए कि जमात टीवी, फ़िल्म, वीडियो और इंटरनेट वगैरह विरुद्ध हैं।
हरियाणा के मेवात में छिपा हो सकता है मौलाना
बता दें कि दिल्ली, यूपी के बाद सबसे ज्यादा मरकज से जुड़े लोग हरियाणा से हैं। खासतौर से मेवात में मकरज से जुड़े लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है। ऐसे में यह भी हो सकता है कि मौलाना मरकज में छिपा हो।
चचेरा भाई जुबेर भी दे सकता है पुलिस का साथ
बता दें कि मौलाना साद की चचेरे भाई जुबरे से नहीं बनता है। ऐसे में पुलिस जुबेर की मदद से साद तक पहुंचने की कोशिश कर सकती है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि जुबेर शायद ही खुलकर पुलिस की मदद को राजी हो।
सत्ता पर काबिज होना चाहता था चचेरा भाई जुबैर
मौलाना साद से पहले मरकज के प्रमुख उसके चाचा थे। चाचा की मृत्यु होने के बाद उनका बेटा मौलाना जुबैर सत्ता पर काबिज होना चाहता था, लेकिन साद ने जबरन सत्ता हासिल कर ली थी। साद जुबैर से ज्यादा तेज होने के अलावा चाचा का करीबी भी था। जुबैर पूरे परिवार के साथ मरकज में ही रहता है। लेकिन देश-विदेश से मिलने वाले फंड में उसे ज्यादा कुछ नहीं मिलता है। देश-विदेश से आए जिन लोगों को यह पता है कि जुबैर मरकज के पूर्व प्रमुख का बेटा है तो वे उसे पैसे देते हैं, जिससे उसका जीवन यापन होता है। अन्यथा मरकज को मिले फंड की रकम साद उसे नहीं देता है।
मरकज में सबसे ऊपर रहते हैं साद के तीन बेटे
मौलाना साद के भी तीन बेटे हैं। तीनों बेटे मरकज में सबसे ऊपर नौवीं मंजिल पर रहते हैं। मरकज में पीछे की तरफ से इनके आने जाने व लग्जरी गाडि़यों की पार्किंग है। इनके पास कई लग्जरी गाडि़यां हैं।फंडिंग की रकम को लेकर जुबैर चल रहा विवाद पैसों को लेकर जूबेर व साद के बीच अक्सर झगड़ होता रहता है। कई बार बात निजामुद्दीन थाने तक भी पहुंच चुकी है। लेकिन ऊंचे रसूख व अन्य कारणों से साद के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई। तीन साल पहले जुबैर की शिकायत पर साद व प्रबंधन से जूड़े लोगों के खिलाफ मारपीट व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।